शेयर बाजार में बड़ी गिरावट: 19 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति स्वाहा, सेंसेक्स 3,000 अंक टूटा

 


भारत के शेयर बाजार में 2025 की यह सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। 7 अप्रैल 2025 को सप्ताह की शुरुआत के साथ ही शेयर बाजार में हाहाकार मच गया। सेंसेक्स में 3,000 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई और निफ्टी भी 21,800 के नीचे फिसल गया। एक ही दिन में निवेशकों के करीब ₹19 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।

यह गिरावट केवल एक आर्थिक घटना नहीं है, बल्कि यह निवेशकों के मनोबल, बाजार की दिशा, और देश की आर्थिक नीतियों को भी प्रभावित करती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस गिरावट के पीछे क्या कारण रहे, इसका क्या प्रभाव पड़ा, और निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए।


क्या हुआ शेयर बाजार में?

  • सेंसेक्स: लगभग 3,000 अंकों की गिरावट के साथ खुला

  • निफ्टी: 21,800 के नीचे फिसला

  • बाजार पूंजीकरण में गिरावट: ₹19 लाख करोड़ का नुकसान

  • बड़ी गिरावट वाले सेक्टर्स: बैंकिंग, आईटी, ऑटो, मेटल्स, और फाइनेंशियल सर्विसेज



गिरावट के प्रमुख कारण

1. वैश्विक अनिश्चितता

अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट की नई खबरें सामने आईं हैं। अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर फेडरल रिज़र्व की संभावित सख्ती ने वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ा दी है।

2. क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल

पिछले सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि देखी गई, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा। आयात महंगा होने से करेंट अकाउंट डेफिसिट में वृद्धि का खतरा मंडरा रहा है।

3. FIIs की बिकवाली

विदेशी निवेशक (FIIs) ने बड़े पैमाने पर भारतीय शेयरों की बिकवाली की, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव और बढ़ गया।

4. लोकसभा चुनाव 2025 की अनिश्चितता

चुनावों से पहले राजनीतिक अस्थिरता और नीतिगत असमंजस की आशंका निवेशकों को सताने लगी है। यह भी एक बड़ी वजह रही कि निवेशकों ने सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर रुख किया।


किन सेक्टर्स को लगा सबसे बड़ा झटका?

  1. बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर: Nifty Bank में 5% तक की गिरावट आई। ICICI Bank, SBI, Axis Bank जैसे प्रमुख शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई।

  2. आईटी सेक्टर: ग्लोबल क्लाइंट्स की डिमांड में गिरावट के चलते Infosys, TCS, Wipro जैसे शेयर लुढ़क गए।

  3. ऑटो और मेटल्स: Tata Motors, Maruti, JSW Steel, Tata Steel जैसे दिग्गज शेयरों में भी 4–6% की गिरावट देखी गई।



निवेशकों के लिए क्या है सबक?

1. घबराहट में फैसला न लें:

बाजार की गिरावट हमेशा स्थायी नहीं होती। कई बार यह अवसरों का द्वार खोलती है। घबराकर निवेश बेचना लॉन्ग टर्म में नुकसानदायक हो सकता है।

2. फंडामेंटल्स पर भरोसा रखें:

जिन कंपनियों की फंडामेंटल्स मजबूत हैं, वे समय के साथ रिकवर होती हैं। गिरावट के समय उन्हें सस्ते दाम पर खरीदा जा सकता है।

3. डाइवर्सिफिकेशन जरूरी है:

पोर्टफोलियो में विविधता लाना जोखिम को कम करता है। केवल इक्विटी पर निर्भर न रहें – गोल्ड, बॉन्ड्स, और SIP जैसे विकल्पों को भी शामिल करें।

4. SIP जारी रखें:

लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे निवेशकों को SIP रोकने की जरूरत नहीं है। ऐसे समय में सस्ते NAV पर यूनिट्स मिलती हैं जो भविष्य में लाभ दे सकती हैं।


क्या यह गिरावट आगे भी जारी रहेगी?

कई विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में अभी और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वैश्विक संकेत, क्रूड की कीमतें, चुनावी माहौल और विदेशी निवेशक गतिविधियाँ मिलकर आने वाले दिनों की दिशा तय करेंगी। हालांकि, यह भी संभावना है कि बाजार कुछ दिनों के भीतर स्थिरता पा ले।



निष्कर्ष

शेयर बाजार की गिरावट चौंकाने वाली जरूर है, लेकिन यह पूरी तरह असामान्य नहीं है। बाजार हमेशा ऊपर नहीं जाता, और गिरावट ही उन निवेशकों को अवसर देती है जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखते हैं। ऐसे समय में संयम, समझदारी और रणनीति ही निवेशक का सबसे बड़ा हथियार होता है।


डिस्क्लेमर:

यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षणिक उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को निवेश सलाह न समझें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम से जुड़ा होता है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपनी रिसर्च करें या किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार की राय लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।

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