कश्मीर में रहस्यमयी धुंए ने बढ़ाई चिंता: पहलगाम सहित कई इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल: 22 April Black Day.

कश्मीर घाटी एक बार फिर चर्चा में है,

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कश्मीर घाटी एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह कुछ और है। पहलगाम और आसपास के इलाकों में अचानक फैले धुएं ने स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों में दहशत पैदा कर दी है। धुएं के इस रहस्यमयी फैलाव ने न केवल लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, बल्कि इलाके के सामान्य जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। यह घटना शुक्रवार दोपहर करीब 2:45 बजे शुरू हुई, जब पहलगाम के पास बिसोस घाटी इलाके में अचानक घना धुआं फैलने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ ही मिनटों में धुएं ने 20 किलोमीटर से ज्यादा के इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। धुआं इतना घना था कि दूर खड़े व्यक्ति को भी देख पाना मुश्किल हो गया। प्रभावित इलाकों में हालात और खराब हो गए प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पहलगाम गांव और उसके आसपास के छोटे-बड़े इलाके धुएं से प्रभावित हुए हैं। पहलगाम घूमने आए करीब 20 से 25 पर्यटक इस धुएं के कारण अस्वस्थ हो गए। कई स्थानीय नागरिकों ने आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और चक्कर आने जैसी समस्याओं की भी शिकायत की। स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल आपातकालीन चिकित्सा दल भेजकर प्रभावित लोगों का उपचार शुरू कर दिया है। अभी तक किसी की जान को खतरा होने की सूचना नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस धुएं के लंबे समय तक संपर्क में रहने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

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धुएं का स्रोत क्या है?

धएं के स्रोत को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन का अनुमान है कि यह धुआं बिसोस घाटी में स्थित एक पुराने रासायनिक संयंत्र से आया होगा, जिसे कई महीने पहले बंद कर दिया गया था। पर्यावरण विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यह धुआं रासायनिक कचरे के दोबारा सक्रिय होने या जमीन के नीचे गैस रिसाव जैसी घटनाओं के कारण हो सकता है।हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सुरक्षा एजेंसियों और वैज्ञानिकों की एक टीम मौके पर पहुंच गई है और जांच जारी है। शुरुआती रिपोर्ट आने में कुछ दिन लग सकते हैं।

पर्यटकों और स्थानीय लोगों में भय का माहौल

धुएं ने न केवल स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाया है, बल्कि इलाके में भय और अनिश्चितता का माहौल भी पैदा कर दिया है। पर्यटक जल्दबाजी में इलाके से जाने लगे हैं। होटल और गेस्ट हाउस खाली होने लगे हैं।स्थनीय दुकानदार और व्यवसायी भी अचानक आई इस आपदा से चिंतित हैं, क्योंकि यह पर्यटन पर निर्भर उनकी आजीविका के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।स्थानीय व्यवसायी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "पर्यटक पहले से ही कम आ रहे थे, अब इस धुएं के कारण जो थोड़ी-बहुत आय हो रही थी, वह भी खत्म हो गई है। हमें डर है कि अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं निकाला गया, तो स्थिति और खराब हो जाएगी।"

सरकार और प्रशासन सक्रिय

सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग को सभी अस्पतालों में आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। पर्यावरण विभाग भी लगातार वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है।राज्य सरकार ने लोगों से घरों के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। साथ ही कहा गया है कि किसी भी तरह की असुविधा या स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र से संपर्क करें।

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विशेषज्ञों की चेतावनी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के धुएं में सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें हो सकती हैं। इन गैसों से सांस संबंधी बीमारियां, आंखों में जलन, त्वचा संबंधी समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।विशेषज्ञों ने प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को घर के अंदर रहने, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने और संभव हो तो एन-95 मास्क पहनने की सलाह दी है।

मीडिया में भी चर्चाएं तेज

घटना की खबर फैलते ही राष्ट्रीय मीडिया में भी इसे प्रमुखता से दिखाया गया। कुछ रिपोर्ट्स इसे संभावित "रासायनिक हमला" बता रही हैं, हालांकि सरकार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि अभी तक किसी आतंकी साजिश के संकेत नहीं मिले हैं। फिलहाल जांच एजेंसियां ​​हर एंगल से मामले की जांच कर रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी और सामान्य जनजीवन बहाल हो जाएगा।

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