शेयर बाजार में भारी गिरावट के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश के सामने "आर्थिक भ्रम" पैदा किया है, जिसका पर्दाफाश अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से हो गया है।
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। निवेशकों के अरबों रुपये डूब गए और बाजार में डर का माहौल बन गया। आर्थिक विशेषज्ञ जहां इसे वैश्विक अस्थिरता और कॉरपोरेट नतीजों से जोड़ रहे हैं, वहीं राहुल गांधी ने इसके लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
राहुल गांधी का बयान: "ट्रंप ने पर्दा हटा दिया"
राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा:
"बाजार गिर गया है। मोदी का आर्थिक भ्रम टूट गया है। ट्रंप ने उस झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। भारत को तमाशा नहीं, सच्चाई चाहिए।"
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक रैली में दावा किया था कि भारत की आर्थिक वृद्धि "वास्तविक नहीं" है और विदेशी निवेशक अब "मोदी के प्रचार" पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। इस बयान ने भारतीय राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।
'विकसित भारत' की कहानी सवालों के घेरे में
राहुल गांधी का यह हमला उस बड़े नैरेटिव के खिलाफ है जिसे मोदी सरकार पिछले कुछ सालों से आगे बढ़ा रही है - जैसे "5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था", "अमृत काल" और आत्मनिर्भर भारत। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार कहते रहे हैं कि ये सिर्फ प्रचार है, जबकि बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता जैसी समस्याएं जमीनी स्तर पर बनी हुई हैं।
भाजपा का पलटवार: "राहुल विदेशी ताकतों की भाषा बोल रहे हैं"
भाजपा ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि वे विदेशी नेताओं के बयानों का इस्तेमाल कर भारत की साख को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "बाजार में यह गिरावट अस्थायी है। भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत है।"
आम निवेशक बेचैन, सोशल मीडिया पर चर्चा तेज
इस बीच, खुदरा निवेशकों में चिंता का माहौल है। हाल के वर्षों में बाजार में उतरे कई नए निवेशकों को अब नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर तीखी बहस चल रही है। कुछ लोग राहुल गांधी की बातों से सहमत हैं, जबकि कुछ ने दोनों पक्षों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
2024 के चुनाव से पहले राजनीतिक-आर्थिक लड़ाई
जैसे-जैसे 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, अर्थव्यवस्था को लेकर राजनीति भी तेज होती जा रही है। अब जबकि डोनाल्ड ट्रंप जैसे अंतरराष्ट्रीय नेता भी इस बहस का हिस्सा बन रहे हैं, तो यह साफ है कि मोदी बनाम राहुल की लड़ाई एक नए मोड़ पर पहुंच गई है।
अब देखना यह है कि यह गिरावट अस्थायी साबित होती है या किसी बड़े आर्थिक संकट का संकेत देती है। लेकिन फिलहाल राजनीति और अर्थव्यवस्था की लड़ाई पूरी ताकत से जारी है।